पीएम मोदी बुधवार को रविदास जयंती के मौके पर दिल्ली के करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर गए। उन्होंने संत रविदास की जयंती के समारोह में भाग लिया, जो 16वीं शताब्दी से एक भक्ति संत थे।
पुन: डैस डेल्लुव के प्रभाव में अदृष्य पर अध्यात्म के श्री रविदास धाम धाम में दर्शन होते हैं।
सभी देश दूसरो के साथ संवाद की बैठक। pic.twitter.com/RbVj9wUB1k
– नरेंद्र मोदी (@narendramodi) 16 फरवरी, 2022
पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर जाकर परम पूजनीय संत को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मंदिर में गायकों के साथ ‘शब्द कीर्तन’ में भी हिस्सा लिया।
बजे @नरेंद्र मोदी करोल बाग, नई दिल्ली में श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में। वह वहां रविदास जयंती के अवसर पर संत रविदास को श्रद्धांजलि देने गए और शबद कीर्तन में शामिल हुए।
pic.twitter.com/GZRZzaNpjZ– कंचन गुप्ता (@कंचनगुप्ता) 16 फरवरी, 2022
उन्होंने संत रविदास के सम्मान में गाए गए गीतों के साथ ‘झीका’ बजाकर बहुत उत्साह के साथ उनका साथ दिया।
संत रविदास कौन हैं?
संत रविदास 15-16वीं शताब्दी के एक रहस्यवादी कवि थे जो भक्ति परंपरा का हिस्सा थे। उन्होंने जाति और लिंग के अंतर को दूर करने की वकालत करके आध्यात्मिक स्वतंत्रता का प्रचार किया। उनके भक्ति छंद भी गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं और इसलिए हिंदुओं और सिखों के बीच समान रूप से पूजनीय हैं।
‘रविदासियों’ को आज सिख समुदाय से एक अलग समुदाय के रूप में देखा जाता है, जिनके मध्य में संत रविदास की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों में उनका काफी सामाजिक और सांस्कृतिक दबदबा है।