उत्तरी बांग्लादेश के पंचागढ़ जिले में अहमदिया समुदाय द्वारा घोषित एक कार्यक्रम के विरोध में सैकड़ों इस्लामी संगठनों के सदस्यों ने घरों पर आगजनी की और दुकानों में तोड़फोड़ की। आंदोलनकारियों ने ढाका-पंचगढ़ राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और अहमदिया लोगों के साथ-साथ पुलिस पर भी हमला किया। इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए।
अहमदिया समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के तीन दिवसीय ‘जलसा सलाना’ की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी थी।
उग्रवादी नेताओं और विभिन्न इस्लामी संगठनों के सदस्यों ने विरोध का नेतृत्व किया लेकिन जिले के चौरंगी जंक्शन पर राजमार्ग के किनारे जामा मस्जिद के सामने पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उग्रवादियों ने पंचागढ़ के धक्कमारा में यातायात पुलिस के एक डिब्बे में आग लगा दी। इस्लामवादियों के हमलों में पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
हमले के दौरान अहमदिया समुदाय के सदस्यों के 100 से अधिक घरों और दुकानों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई। पंचगढ़ सदर पुलिस थाने के प्रमुख अब्दुल लतीफ मिया ने आईएएनएस को बताया कि हमला तब शुरू हुआ जब इस्लामवादियों ने कानून लागू करने वालों पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। तनाव बढ़ने पर शहर भर के दुकानदारों ने अपने शटर गिरा दिए। उग्रवादियों ने कुछ सड़कों पर टायर भी जलाए। उत्तरी जिले के पुलिस अधीक्षक एसएम सिराजुल हुदा ने कहा कि कानून लागू करने वाले स्थिति को नियंत्रण में लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
(उपरोक्त लेख समाचार एजेंसी आईएएनएस से लिया गया है। Zeenews.com ने लेख में कोई संपादकीय बदलाव नहीं किया है। समाचार एजेंसी आईएएनएस लेख की सामग्री के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है)