नई दिल्ली: रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत रांची डोरंडा कोषागार मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के भाग्य का फैसला करेगी।
डोरंडा कोषागार मामला, जो आज अदालत में सुनवाई के लिए है, देश का सबसे बड़ा चारा घोटाला है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद को पहले ही इसी तरह के चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है और मौजूदा मामले में दोषी पाए जाने पर उन्हें जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
राजद प्रमुख रविवार को विशेष सीबीआई न्यायाधीश एसके शाही के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए रांची पहुंचे। मामले में नौ अन्य सह-आरोपियों को भी लालू प्रसाद के साथ अदालत में पेश होना है।
डोरंडा घोटाला डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है।
साल 1996 में दर्ज इस मामले में कुल 170 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 55 की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बनाया है. अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले ही दो आरोपियों ने कबूल कर लिया, जबकि छह आरोपी आज तक फरार हैं। बाकी 99 आरोपियों पर फैसला आना बाकी है।
मामले के अन्य प्रमुख आरोपियों में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, बिहार के तत्कालीन पशुपालन सचिव डॉ. आरके राणा, बेक जूलियस और पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक केएम प्रसाद शामिल हैं.
इससे पहले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सामूहिक रूप से सत्ताईस साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि इन सभी मामलों में उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला बिहार के पशुपालन विभाग में प्रसाद के राज्य के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान हुआ था। सीबीआई ने घोटाले की जांच के लिए 1996 में 53 अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।