होलिका दहन: भारत एक विविध राष्ट्र है, और पूरे वर्ष कई त्यौहार मनाए जाते हैं। त्योहार किसी के जीवन में खुशी, खुशी और एकता लाते हैं। यह उन्हें उनके नीरस शेड्यूल से ब्रेक देता है। प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक, ‘होली’ बस आने ही वाला है और हर कोई रंगों के त्योहार के लिए कमर कस रहा है। होली एकजुटता का संदेश और बेहतर कल का वादा लेकर आती है। हर साल होली दो दिनों में मनाई जाती है, जिसे ‘छोटी होली’ या होलिका दहन और ‘बड़ी होली’ या धुलंडी के रूप में मनाया जाता है, जो ‘रंग वाली होली’ के नाम से भी प्रसिद्ध है।
इस वर्ष भी यह 7 और 8 मार्च को भगवान कृष्ण और राधा के शाश्वत प्रेम को मनाने और बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाएगा। हालांकि, इस साल छोटी होली 6 या 7 मार्च को पड़ने को लेकर असमंजस की स्थिति है। इसलिए, यहां आपको होली 2023 के बारे में जानने की जरूरत है।
‘होली कब है? कब है होली?’
द्रिक पंचांग के अनुसार, छोटी होली या होलिका दहन 7 मार्च, 2023 को पड़ता है। होलिका दहन का मुहूर्त शाम 06:24 बजे शुरू होगा और 7 मार्च को रात 08:51 बजे समाप्त होगा। इस बीच, बड़ी होली / धुलंडी या रंग वाली होली 8 मार्च को मनाया जाएगा।
हालांकि पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 04:17 बजे शुरू होगी और 7 मार्च को शाम 06:09 बजे समाप्त होगी।
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होलिका दहन 2023: तिथि, पूजा का समय, विधि, सामग्री और महत्व
होलिका दहन तिथि
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में किया जाता है। इस साल होलिका दहन 7 मार्च को है।
होलिका दहन पूजा का समय:
द्रिक पंचांग के अनुसार, होलिका दहन का शहरवार मुहूर्त इस प्रकार है:
दिल्ली-एनसीआर – शाम 06:24-08:51 बजे
चंडीगढ़ – शाम 06:25 – रात 08:53 बजे
पुणे – शाम 06:42 – रात 09:07 बजे
चेन्नई – शाम 06:18 – रात 08:43 बजे
कोलकाता – शाम 05:42 – शाम 06:09 बजे
हैदराबाद – शाम 06:24 – रात 08:49 बजे
अहमदाबाद – शाम 06:45 – रात 09:11 बजे
जयपुर – शाम 06:31-08:58 बजे
मुंबई – शाम 06:46 – रात 09:11 बजे
बेंगलुरु – शाम 06:29 – रात 08:54 बजे
होलिका दहन पूजा विधि:
भक्त देर शाम या देर रात को अलाव जलाकर होलिका पूजा करते हैं। यहां लोग होलिका दहन के लिए जिस स्थान पर लकड़ी एकत्र करते हैं, उसकी पूजा करते हैं, लकड़ी को सफेद धागे से तीन या सात बार लपेटते हैं, और उस पर पवित्र जल, कुमकुम और फूल छिड़कते हैं। इसके अलावा, लोग होलिका दहन पर एक अनुष्ठान के रूप में ‘हरा चना’ (छोलिया) भूनते हैं।
होलिका दहन पूजा सामग्री:
होलिका दहन पूजा करने के लिए, यहां उन चीजों की सूची दी गई है जिनकी आपको आवश्यकता है:
एक गिलास पानी, फूल, रोली, गुलाल, बेसन के लड्डू, गेहूँ की बालियाँ, हरा चना (छोलिया), गुड़ और गाय के गोबर और चावल (अक्षत) से बनी माला।
छोटी होली 2023: होलिका दहन इतिहास/महत्व:
रंगों का त्योहार हमें हिंदू पौराणिक कथाओं में वापस ले जाता है जहां हिरण्यकशिपु ने अपने बेटे प्रह्लाद को मारने के लिए हर संभव कोशिश की थी। प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था जिसे उसके राक्षस पिता हिरण्यकशिपु ने बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया था। हिरण्यकशिपु ने कई बार प्रह्लाद को मारने की कोशिश की लेकिन हर बार असफल रहा। इसलिए, अंत में, प्रह्लाद की चाची (हिरण्यकशिपु की बहन) होलिका ने हस्तक्षेप किया और प्रह्लाद को मारने में उसके भाई की मदद करने की कोशिश की। उन्होंने एक जाल बिछाया जहां होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठेगी।
हालांकि, भगवान विष्णु की कृपा से, प्रह्लाद बाल-बाल बच गए, जबकि होलिका जलकर मर गई। इसलिए बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में, होली के पहले दिन को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है, जहाँ जीत का प्रतीक अलाव जलाया जाता है।
(अस्वीकरण: इस लेख की जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है और किसी विशेषज्ञ की सलाह का विकल्प नहीं है। ज़ी न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।)